अंतरिक्ष विज्ञान- Space यानी की हमारा अंतरिक्ष, जो काफी रहस्यमयी और विशालकाय है। जिसको समझना शायद हम इन्सानों के लिए बहुत मुश्किल या यूं कहे नामुमकिन है। क्योंकि हमारे अंतरिक्ष में अंसख्य पदार्थ और बल मौजूद है।
इनको समझना और परखना हमारी विज्ञान के परे है। इस कारण हम जितना अंतरिक्ष के रहस्यों को सुलझाने का प्रयास करते है हम उसमें उतने ही ज्यादा उलझते जाते है। लेकिन फिर भी वैज्ञानिक इन रहस्यों को सुलझाने के लिए कड़ी मेहनत करते है।
वैज्ञानिकों को अंतरिक्ष के रहस्यों को समझने के लिए एक ऐसी विज्ञान की आवश्यकता पड़ती है जिसे हम अंतरिक्ष विज्ञान (Space Science) कहते है। आइए जानते है की अंतरिक्ष विज्ञान क्या है?
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अंतरिक्ष विज्ञान क्या है?
इसके अलावा हम अंतरिक्ष विज्ञान (Space Science) को इस प्रकार भी परिभाषित कर सकते है– अंतरिक्ष विज्ञान (Space Science) में हम अपनी धरती से बाहर की दुनिया को देख सकते है, यह एक ऐसा विषय है जो हमें बहुत से अनसुलझे सवालों का जवाब देने का प्रयास करता है।
जैसे- हमारी पृथ्वी और हमारा सौरमंडल कैसे बना और विकसित हुआ, ब्रह्मांड में हमारी जगह कहाँ है, हमारा ब्रह्मांड कितना बड़ा है, हम कहाँ से आए और कहाँ जा रहे है, जीवन की उत्पत्ति कैसे हुई और क्या ब्रह्मांड में हम अकेले है।
अंतरिक्ष की गहराइयों में वो राज दफन है जिनको जानकार शायद हम इंसान अपने सुदूर भविष्य में अच्छी जगह जा सकते है। इसलिए हमारे वैज्ञानिक दिन-रात इस पर मेहनत करते है। आइए जानते है आखिर स्पेस साइन्स (अंतरिक्ष विज्ञान) में होता क्या है?
स्पेस साइन्स (अंतरिक्ष विज्ञान) में वैज्ञानिक स्पेस के रहस्यों को गहराई से समझते है, जिसके लिए वो अनेक प्रकार के सिद्धांतों का उपयोग करते है। भौतिक विज्ञान स्पेस को समझने में सबसे कारगर है।
स्पेस साइन्स में वैज्ञानिक अनेक खगोलीय पिण्डो, ग्रहों, धूमकेतु, उल्कापिंडों, तारों, आकाशगंगाओं आदि अनेकों ओब्जेक्ट्स पर रिसर्च करते है। इसके अलावा अनेक प्रकार की विकिरणों, रेडिएशन, भौतिक निकायों, अंतरिक्षीय घटनाओं पर शोध किया जाता है।
स्पेस साइंस
अंतरिक्ष विज्ञान, वैज्ञानिक ज्ञान का भंडार क्योंकि यह अंतरिक्ष की रिसर्च (space exploration) से संबंधित है। इसे कभी-कभी एस्ट्रोनोटिक्स भी कहा जाता है। अंतरिक्ष विज्ञान भौतिकी, रसायन विज्ञान, जीव विज्ञान और इंजीनियरिंग के पारंपरिक विज्ञान पर आधारित है।
साथ ही इसके लिए अपने स्वयं के विशिष्ट रिसर्च की भी आवश्यकता होती है। स्पेस मिशन की चार बुनियादी श्रेणियां हैं। साउंडिंग रॉकेट 35 और 1,300 मील (55-2,100 किमी) के बीच अधिकतम ऊंचाई वाली उपकक्षीय उड़ानों तक सीमित है।
कृत्रिम उपग्रह एक सौ से कई हजार मील की ऊंचाई पर पृथ्वी की परिक्रमा करते हैं। अंतरिक्ष यान चंद्रमा और ग्रहों तक यात्रा करते हैं। अंतिम और सबसे जटिल श्रेणी मानव अंतरिक्ष उड़ान है, जिसके अपोलो चंद्रमा लैंडिंग, अंतरिक्ष शटल और स्काईलैब, मीर और इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन उत्कृष्ट उदाहरण हैं।
अंतरिक्ष विज्ञान को जिन समस्याओं का सामना करना पड़ता है, उनमें प्रक्षेप पथ और कक्षाओं की भविष्यवाणी और नियंत्रण, अंतरिक्ष यान और पृथ्वी के बीच कम्यूनिकेशन, अंतरिक्ष यान डिजाइन और निर्माण और मानव अंतरिक्ष उड़ान के लिए जीवन-समर्थन सिस्टम शामिल हैं।
स्पेस साइन्स (Space Science) का इतिहास
स्पेस साइन्स (अंतरिक्ष विज्ञान) का इतिहास शुरू होता है 4 October, 1957 से, जब सोवियत संघ ने पहले सैटिलाइट Sputnik को लॉंच किया, जो धरती की कक्षा में पहला कृत्रिम उपग्रह था।
बात उस समय की है जब सोवियत संघ और संयुक्त राज्य अमेरिका के बीच Cold War चल रहा था। इसी राजनैतिक दुश्मनी के कारण अंतरिक्ष में अपनी धाक जमाने के लिए दोनों देशों के बीच होड़ मच गई।
इन्हीं सालों में दोनों महाशक्तियों ने खतरनाक Intercontinental Ballistic Missiles बनाने का काम शुरू कर दिया जो दो महाद्वीपों के बीच परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम थी।
इसी क्रम में Union of Soviet Socialist Republics (U.S.S.R.) ने पहली Intercontinental Ballistic Missiles का निर्माण किया जो एक प्रकार की रॉकेट थी, इसे R7 नाम दिया गया। इसी R7 रॉकेट से Sputnik Satellite को लॉंच किया गया।
Sputnik Satellite हर 96 मिनट में धरती का चक्र लगा रहा था, सोवियत यूनियन की ऐसी क्षमता को देखकर यूनाइटेड स्टेट्स काफी चिंतित था। लेकिन चिंता तब और बढ़ गई जब अगले ही महीने 3 November, 1957 को सोवियत यूनियन ने Sputnik-II में लाइका नामक कुत्ते को अंतरिक्ष में भेजा। एक प्रकार से यह US के मुंह पर एक करारा थप्पड़ था।
अब अमेरिका भी कहाँ चुप बैठने वाला था, अमेरिका ने सोवियत यूनियन को मात देने के लिए 31 January, 1958 को अपना पहला सैटिलाइट लॉंच किया जिसे Explorer नाम दिया गया, लेकिन इससे पहले अमेरिका दो बार इस मिशन में फ़ेल हो चुका था।
1958 में US ने अंतरिक्ष में काम करने वाली सभी प्रक्रियाओं को एक Govt. Agency में शामिल किया गया। जिसे National Aeronautics and Space Administration (NASA) नाम दिया गया और इसी के साथ शुरुआत होती है अंतरिक्ष में US का राज जो आज तक कायम है।
इसके बाद सोवियत यूनियन ने अंतरिक्ष में (12 April, 1961) पहले इंसान को भेजा जिनका नाम यूरी गागरिन था, जिन्होने पृथ्वी की कक्षा में 108 मिनट तक चक्कर लगाया। इसके सिर्फ तीन सप्ताह बाद NASA ने अपने पहले Astronaut Alan Shepard को अंतरिक्ष में भेजा।
लेकिन Alan Shepard को एक ऐसी Flight में अंतरिक्ष में भेजा गया जो पृथ्वी के चारों और चक्कर नहीं लगाती थी, एलन शेपर्ड की अंतरिक्ष यात्रा केवल 15 मिनट की थी।
25 May को यूएस राष्ट्रपति John F. Kennedy ने कहा की US को अपनी प्रतिबद्धता सिद्ध करने के लिए इस दशक के अंत तक इंसान को चाँद पर सफलतापूर्वक लैंडिंग करनी होगी। उन्होने कहा की “मैं विश्वास करता हूँ की US को अब अपना मान–सम्मान प्राप्त करने के लिए इस दशक के अंत से पहले एक इंसान को सुरक्षित चाँद पर भेजना और लाना होगा।“
पहला सैटिलाइट, पहला जीव और अंतरिक्ष में पहला इंसान भेजने के बाद सोवियत यूनियन ने अनेक माइलस्टोन हासिल कर लिए। इन कारनामों में Luna-2 भी शामिल है, जो पहली मानव निर्मित वस्तु थी जिसने चाँद तक अपनी पहुँच बनाई हो।
USSR लगातार मिशनों पर मिशनों को अंजाम दे रहा था, 1961 में गागरिन की स्पेस यात्रा के 4 महीने बाद ही दूसरे मानव मिशन को पूरा किया, जिसमें उसने पूरे दिन पृथ्वी का चक्कर लगाया।
इसी दौरान USSR ने अपना पहला Spacewalk हासिल किया और Vostok-6 मिशन लॉंच को अंजाम दिया। इस मिशन में Valentina Tereshkova ने अंतरिक्ष की यात्रा की, ऐसा करने वाली वो दुनिया की पहली महिला थी।
60 के दशक में NASA ने President Kennedy के लक्ष्य को हासिल करने के लिए अपना काम शुरू कर दिया। चाँद पर मानव को भेजने के लिए अंतरिक्ष यात्रियों को प्रशिक्षित किया गया।
1969 में NASA ने Apollo-11 मिशन लॉंच किया जिसमें उसने चाँद पर पहले Astronauts को भेजा जिसका नाम था Neil Armstrong। जो चाँद पर कदम रखने वाले पहले इंसान थे। 1960 और 1970 के दशक के दौरान नासा ने मेरिनर नामक Space Research की एक सिरीज़ शुरू की, जिसमें शुक्र, मंगल और बुध ग्रहों का अध्ययन किया गया।
इस प्रकार से हमारी स्पेस में रुचि बढ़ती गई, और हम दिन-प्रतिदिन सफलता की सीढ़ी चढ़ते गए। आज दुनिया में बहुत सी Space Agencies काम कर रही है। तो यह थी अंतरिक्ष विज्ञान के बारे में जानकारी।
आज हमने अंतरिक्ष विज्ञान के बारे में पढ़ा। आपको इसमें सबसे ज्यादा क्या सीखने को मिला, हमें Comment कर बताएं। आपके सुझाव हमारे लिए सर्वोपरि है। हम आपका और आपके कीमती समय का आदर करते हैं। इसलिए हमने इसे आपको अच्छे से समझने की कोशिश की है।
निष्कर्ष
तो दोस्तों यह था हमारा आज का आर्टिक्ल स्पेस साइंस (अंतरिक्ष विज्ञान) क्या है? जिसमें हमने आपको कुछ बेहतरीन जानकारी दी है। अगर आपको हमारा यह लेख पसंद आए तो इसे अपने दोस्तों के साथ शेयर करना न भूलें।