भौतिक विज्ञान के रोचक तथ्य
“कल्पना करना ज्ञान से ज्यादा महत्वपूर्ण है। ज्ञान सीमित होता है, जबकि कल्पना में हम कुछ भी सोच सकते हैं। कल्पना ही प्रगति और विकास को जन्म देती है।” – अल्बर्ट आइंस्टीन। भौतिक विज्ञान को सर अल्बर्ट आइंस्टीन से अच्छा कोई नहीं समझा सकता।
भौतिक विज्ञान एक ऐसी विज्ञान है जिसमें किसी पदार्थ की सरंचना और ब्रह्मांड के मूलभूत घटकों के मध्य संबद्ध का अध्ययन करना है। व्यापक अर्थों में कहें तो भौतिकी प्रकृति के सभी नियमों को समझने का एक जरिया है। भौतिक विज्ञान में बल, विद्युत चुंबकीय और परमाणु बलों की प्रकृति और उत्पत्ति शामिल है। भौतिकी का सिर्फ एक सिद्धांत है, इसमें प्रकृति में होने वाली विषम घटनाओं को समझना और समझाना है।
भौतिक विज्ञान के रोचक तथ्य
ब्रह्मांड एक असीमित जगह है। हमने इसकी रहस्यमयी प्रकृति के बारे में अभी तक एक या दो चीजें सीखी हैं। लेकिन हमें अभी भी एक लंबा रास्ता तय करना है। भौतिक विज्ञान ही एकमात्र विज्ञान है, जो हमें इसको समझने में मदद कर सकती है। यहाँ आज हम आपको भौतिक विज्ञान के रोचक तथ्य बताएँगे। जो बहुत ही रोमांचक और ज्ञानवर्धक है।
समय की गति क्या है?
एक बहुत ही चौंकाने वाला सच, यदि आप प्रकाश की गति से यात्रा करते हैं तो समय रुक जाता है। आइंस्टीन के थ्योरी ऑफ स्पेशल रिलेटिविटी के अनुसार, आप जितनी तेजी से गति करते हैं आपके लिए आपके परिवेश के सापेक्ष समय उतना ही धीमा बीतता है।
यदि आप एक घंटे के लिए किसी तेज कार में घूमते हैं, तो घर बैठे किसी व्यक्ति की तुलना में आपका समय धीरे बीतेगा। हालांकि आपके इस समय में कुछ ही नैनो सैकंड का अंतर होगा, लेकिन फिर भी आपका समय धीमा गुजरेगा।
इस तरह से हम समय की गति का अनुमान नहीं लगा सकते। अल्बर्ट आइंस्टीन ने तो सिर्फ सुझाव दिया था, लेकिन इसके बारे में अभी शोध चल रहा है। मौजूदा समय के वैज्ञानिक इसपर काम कर रहे हैं। अगर उन्हें कामयाबी मिलती है तो हम समय की गति का पता लगा लेंगे।
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ब्लैक होल का निर्माण कैसे होता है?
ब्लैक होल के केंद्र में विलक्षणता (Singularities) का निर्माण
हम जानते हैं की जो तारे मरते हैं, वो ब्लैक होल बनते हैं। एक इंसान की तरह, हमारा सूर्य चुपचाप बूढ़ा हो रहा है और समय के साथ समाप्त हो जाएगा। जब इसका परमाणु ईंधन पूरी तरह जल जाएगा, तो यह धीरे-धीरे एक सफेद बौने तारे में बदल जाएगा।
हालांकि अधिक बड़े सितारों के लिए ऐसा नहीं है। मान लीजिए कि आपके पास एक तारा है जो सूर्य से लगभग 20 गुना अधिक विशाल है। जब इस तारे का पूरा ईंधन जल जाता है तो इसके गुरुत्वाकर्षण बल का पतन हो जाता है। जिससे इसके बाहर की परतें अंतरिक्ष में फैल जाती है।
इस घटना को सुपरनोवा विस्फोट कहते हैं। यह बहुत शक्तिशाली विस्फोट होता है। तारे का शेष बचा भाग एक विलक्षणता का रूप ले लेता है। इसका घनत्व बहुत ज्यादा होता है, क्योंकि गुरुत्वाकर्षण बल तारे के द्रव्यमान को एक छोटे से बिन्दु में समाहित कर देता है। इसी तरह ब्लैक होल का निर्माण होता है।
भगवान का अस्तित्व
भौतिकी अक्सर धार्मिक विचारों से टकराती रही है, और कई प्रसिद्ध भौतिकविदों ने कड़ा रुख अपनाया है। जिसमें सदी के सबसे महान वैज्ञानिक स्टीफन हॉकिंग ने भगवान की मौजूदगी को सीरे से खारिज किया है। नीचे स्टीफन हॉकिंग द्वारा दिए गए कुछ बयान है-
“हम सभी जानते हैं कि ब्रह्मांड का निर्माण कैसे हुआ था? लेकिन यह कहना सबसे गलत बात है कि ब्रह्मांड को किसी ने बनाया था। ऐसा हो ही नहीं सकता, क्योंकि किसी भी वस्तु को बनाने के लिए समय की आवश्यकता होती है। परंतु बिग बैंग से पहले कोई समय नहीं था। जब समय ही नहीं तो कोई किसी काम को कैसे कर सकता है?
हमने आखिरकार कुछ ऐसा पाया है जिसका कोई कारण नहीं है क्योंकि किसी कारण के अस्तित्व में होने का समय नहीं था। मेरे लिए इसका मतलब है कि एक निर्माता की कोई संभावना नहीं है क्योंकि उस समय एक निर्माता के अस्तित्व में होने का कोई समय ही नहीं था। चूंकि समय ही बिग बैंग के बाद शुरू हुआ था, यह एक ऐसी घटना थी जो किसी के द्वारा या किसी चीज के कारण या निर्मित नहीं हो सकती थी।
इसलिए जब लोग मुझसे पूछते हैं कि क्या भगवान ने ब्रह्मांड को बनाया है, तो मैं उन्हें बताता हूं कि इस सवाल का कोई मतलब नहीं है। बिग बैंग से पहले समय मौजूद नहीं था, इसलिए ईश्वर के पास ब्रह्मांड बनाने का समय नहीं है। यह पृथ्वी के किनारे के लिए दिशा-निर्देश मांगने जैसा है। पृथ्वी एक गोला है, इसका कोई किनारा नहीं है। इसलिए इसकी तलाश करना व्यर्थ है।” – स्टीफन हॉकिंग
Multi Colored Holes
ब्लैक होल असल में ब्लैक (काले) नहीं होते हैं। हालांकि ये बहुत डार्क होते है परंतु पूर्णतया काले नहीं होते हैं। स्पेक्ट्रम में हमें ये चमकते हुए दिखाई देते हैं। ब्लैक हॉल लगातार अपने अंदर से रेडियशन निकालते हैं। कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय में गणित के पूर्व लुकासियन प्रोफेसर स्टीफन हॉकिंग के नाम पर इस विकिरण को “हॉकिंग विकिरण” कहा जाता है।
इन्होंने ही सबसे पहले इसके अस्तित्व का प्रस्ताव रखा था। चूंकि ब्लैक होल लगातार इस विकिरण को निष्कासित कर रहे हैं। इसका मतलब है कि उनके द्रव्यमान में लगातार कमी हो रही हैं। इससे वे अंत में पूरी तरह खत्म हो जाएंगे, यदि उनके पास बनाए रखने के लिए द्रव्यमान का कोई अन्य स्रोत नहीं है।
शनि ग्रह को पानी में छोड़ने पर
शनि ग्रह को पानी में छोड़ने पर क्या होगा? हालांकि ऐसा संभव नहीं है, क्योंकि पानी का ऐसा विशाल स्त्रोत हमें कहीं नहीं मिलेगा। लेकिन हम सिर्फ इसके बारे में कल्पना कर रहे हैं। चलो माना हमने शनि ग्रह को पानी में छोड़ा। तो आपके अनुसार क्या होगा? शनि ग्रह तो पानी में डूब जाएगा।
परंतु ऐसा होता नहीं है, अगर हम शनि ग्रह को पानी में छोड़ेंगे तो वो पानी पर तैरने लग जाएगा। तकनीकी रूप से यह सच है क्योंकि शनि ग्रह जो ज्यादातर गैस से बना है, पानी की तुलना में बहुत कम घना है। यानी शनि का घनत्व पानी से भी बहुत कम है। इस कारण शनि ग्रह पानी की सतह पर तैरने लग जाएगा।