जानिए शतरंज (Chess in Hindi) का खेल कैसे खेला जाता है?

खेल खेलना हमारे शरीर के लिए बहुत लाभदायक है। खेल खेलने से हमारा शारीरिक एंव मानसिक विकास होता है, जिससे हम स्वस्थ रहते है। फूटबाल, क्रिकेट, हॉकि, बैडमिंटन आदि अनेक ऐसे खेल है, जो हमारे शरीर का सर्वांगीण विकास करते है। लेकिन एक ऐसा भी खेल है जो सिर्फ दिमाग से खेला जाता है।

उसमें शारीरिक क्षमताओं की आवश्यकता नहीं पड़ती है। लेकिन फिर भी इसे खेलने के लिए स्वस्थ होना जरूरी है। तो उस खेल का नाम है Chess यानी की शतरंज। आज हम शतरंज का खेल के बारे में जानेंगे (Today all about Chess in Hindi).

शतरंज का खेल (शतरंज गेम) दो खिलाड़ियों के बीच खेला जाता है। जिसमें एक चेक बोर्ड की आवश्यकता होती है। इस चेक बोर्ड पर 8X8 के ग्रिड होते है, जिसमें 64 खाने होते है। इन्हीं खानो में शतरंज का खेल खेला जाता है। इसमें प्रत्येक खिलाड़ी के पास 16 गोटी होती है।

जिसमें एक राजा, एक रानी, 2 वजीर, 2 घोड़े, 2 हाथी और 8 प्यादे होते है। जिसमें खिलाड़ी को अपने राजा की सुरक्षा करते हुए, दुश्मन राजा को घेरना होता है। इस आर्टिक्ल में हम शतरंज के बारे में बारीकी से हिंदी में जानेंगे (All about Chess in Hindi).

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शतरंज का इतिहास

लिखित इतिहास में शतरंज का इतिहास 2000 वर्ष पुराना मालूम पड़ता है। शतरंज (Chess) की खोज प्राचीन भारत के लोगों ने की थी। सबसे पहले इसका उल्लेख हिन्दू महाकाव्य रामायण में मिलता है।

जिसमें लंकापति रावण ने अपनी पत्नी मंदोदरी के लिए इस खेल का निर्माण किया था। लेकिन इसके जन्म का प्रमाण चन्द्रगुप्त (गुप्त वंश) के शासनकाल में मिलता है। यहीं से शतरंज के इतिहास की शुरुआत होती है।

उस समय इसे “चतुरंगा” के नाम से जाना जाता था। शतरंज के खेल में सिर्फ 2 खिलाड़ी होते है, लेकिन चतुरंगा खेल प्रायः 4 व्यक्तियों के बीच खेला जाता था। वहीं चतुरंगा में प्रत्येक खिलाड़ी के पास 8 गोटी होती थी।

लेकिन शतरंज के गेम में प्रत्येक खिलाड़ी के पास 16 गोटियाँ होती है। चतुरंगा में रानी नहीं होती थी, क्योंकि प्राचीन भारत में रानियों को युद्ध क्षेत्र में जाने कि अनुमति नहीं होती थी।

प्राचीन स्थलों की खुदाई से पता चलता है, कि छठी शताब्दी में यह खेल पूरे भारत में भली-भाँति फूल रहा था। क्योंकि खुदाई में ऐसी वस्तुएँ मिली है जो शतरंज के खेल में उपयोग की जाती थी।

इसके बाद शतरंज का खेल भारत से फारस साम्राज्य में चला गया। लेकिन जब अरब ने फारस पर अपना अधिकार कर लिया तो शतरंज का खेल मुस्लिम देशों में अपने पैर जमाने लगा। 15-16वीं शताब्दी तक आते-आते यह यूरोप और अफ्रीका महाद्वीप में फैल गया। जहां इसे एक नया स्वरूप दिया गया।

15वीं सदी से लेकर सन् 1880 तक पश्चिमी देशों में Romantic Chess का सबसे अधिक प्रचलन था। 19वीं सदी के मध्य तक विश्व में आधुनिक शतरंज प्रतियोगिताओं कि शुरुआत होने लगी।

1886 में पहली विश्व शतरंज चैंपियनशिप आयोजित की गई। इसके बाद लगातार Chess को बढ़ावा दिया जाने लगा। 20वीं सदी में World Chess Federation (FIDE) कि स्थापना की गई, जिसके बाद शतरंज की पहचान विश्व के बड़े खेलों में होने लगी। तो यह था शतरंज का इतिहास, जिसने बताया कैसे भारत में जन्मा Chess आज पूरी दुनिया में प्रसिद्ध है।

शतरंज की लोकप्रियता कितनी है?

2012 के एक सर्वे के अनुसार शतरंज खेलने वाले लोगों के संख्या अब दुनिया में किसी भी खेल से ज्यादा है। दुनिया की कुल आबादी का एक बड़ा हिस्सा आज शतरंज गेम खेलता है।

60 करोड़ वयस्क नियमित रूप से शतरंज खेलते है। कुल आबादी के 12% ब्रिटिश लोग, 15% अमेरिकन, 23% जर्मन, 43% रसियन और 70% इंडियन शतरंज (Chess) खेलते है। यानी भारत में तकरीबन 85 करोड़ लोग Chess खेलते है।

शतरंज कैसे खेली जाती है (How to play Chess in Hindi)?

शतरंज खेलना वास्तव में काफी मुश्किल है। क्योंकि यह पूरी तरह से आपके माइंड पर निर्भर करता है। आप जितना अधिक इस गेम की प्रैक्टिस करते हैं, उतने ही अधिक सीखते जाते हैं।

शतरंज अब तक के सबसे पुराने बोर्ड खेलों में से एक है। यह सदियों से खेला और पसंद किया जाता रहा है, लेकिन हाल के वर्षों में इसकी लोकप्रियता बढ़ी है और कई नए खिलाड़ी शतरंज के नियम सीखना चाहते हैं।

2020 के बाद से शतरंज में रुचि आसमान छू गई है, जो लॉकडाउन के दौरान ऑनलाइन खेलने के इच्छुक लोगों के कारण है। यदि आप इस खेल में नए हैं तो शतरंज के नियमों और विभिन्न रणनीतियों को सीखना आपके लिए काफी फायदेमंद साबित हो सकता है।

चेस बोर्ड (Chess Board) तैयार करना

शतरंज खेलने के लिए एक एक बोर्ड की आवश्यकता पड़ती है, जिसे चेस बोर्ड (Chess Board) कहते है। जिसमें 8X8 की ग्रिड होती है, तथा इसमें 64 खाने होते है। इसमें नीचे वाली पंक्ति का सबसे दाहिना खाना सफ़ेद या हल्के रंग का होता है।

फिर इसके बाद क्रमानुसार इसके खाने सफ़ेद व काले रंगो से भरे जाते है। इसके बाद इस बोर्ड में खेल खेलने की गोटियाँ (मोहरें) सजाई जाती है। मोहरें काले और सफ़ेद रंग की होती है।

सबसे पहले नीचे की पंक्ति में दोनों ओर आखिर के कोने में हाथी सजाए जाते है, फिर इसके बाद दोनों ओर घोड़े की मोहर रखी जाती है। घोड़े की मोहर रखने के बाद अब इसमें 2 वजीर आते हैं और दाहिने वजीर के बिलकुल पास में राजा की मोहर (काले खाने में) रखी जाती है।

इसके बाद राजा के बिल्कुल पास रानी (सफ़ेद खाने में) आती है। अब ऊपर की पूरी पंक्ति में प्यादे (सैनिक) आते है। सैनिकों की संख्या 8 होती है।

इसके बाद ऊपर की तरफ इसी प्रकार से मोहरें सजाई जाती है। इसमें रानी काले रंग के खाने में आती है और राजा सफ़ेद रंग के खाने में आता है। बाकी सभी प्रकार की मोहरें ऊपर की तरह ही सजाई जाती है।

ऊपर की तरफ हमेशा काले रंग की मोहरें आती है, जबकि नीचे की तरफ सफ़ेद रंग की मोहरें आती है। अब सबसे बड़ा सवाल है कि शतरंज कैसे खेले? (How to play Chess in Hindi).

चाल कैसे चलें?

Chess Board तैयार करने के बाद अब बारी आती है चाल चलने की या खेल को शुरुआत करने की। इस खेल में सबसे पहले चाल सफ़ेद मोहर वाले खिलाड़ी को होती है। इसके बाद दूसरे खिलाड़ी कि बारी आती है।

लेकिन चाल चलने के लिए आपको पता होना चाहिए कि कौनसी मोहर, कौनसी चाल चलने के काम आएगी? तथा कौनसी गोटी किस दिशा में और कैसे चलती है?

शतरंज के खेल में प्रत्येक मोहर कि चाल अलग होती है, वो अलग तरह से अपना रास्ता बनती है। प्रत्येक गोटी एक खाली खाने में ही चलती है। लेकिन दुश्मन गोटी को मारने पर यह उसकी जगह ले लेती है।

Chess Game में घोड़ा एक ऐसी मोहर होती है, जो किसी भी गोटी के ऊपर से चाल सकती है। दूसरी किसी मोहर को चलने के लिए उसे अपने आगे या पीछे वाला खाना बिल्कुल खाली चाहिए होता है। एक बार कोई भी मोहर काटने के बाद खेल में वापिस नहीं आ सकती।

कौनसी मोहर कैसे काम करती है?

  1. राजा (बादशाह)- पूरे खेल में खिलाड़ी को अपने राजा कि रक्षा करनी होती है। राजा अपने से एक वर्ग दाएँ, बाएँ, ऊपर, नीचे किसी दिशा में चाल सकता है। जब तक कि दुश्मन गोटी उसे काटने कि सीध में न हो।
  2. रानी- रानी इस खेल में सबसे ताकतवर मोहर होती है। बिना रानी के इस खेल को जीतना काफी मुश्किल होता है। रानी तिरछे, दाएँ, बाएँ, ऊपर, नीचे किसी भी वर्ग में चल सकती है।
  3. वजीर (फील)- वजीर सिर्फ अपने रंग के खाने में ही चल सकता है, वह इसके चलने की दिशा तिरछी होती है।
  4. घोड़ा- घोड़ा इस खेल में सबसे अजीब तरीके से चलता है, नए खिलाड़ी को सबसे ज्यादा समय इस मोहर को समझने में ही लगता है। घोड़ा दो वर्ग एक सीध में चलता है और तीसरा कदम बिल्कुल इसके लम्बवत। जिसे सामान्य बोलचाल में ढाई कदम चलना कहते है। घोड़े के चलने के लिए इसके आगे खाली खाने की आवश्यकता नहीं होती है।
  5. हाथी- हाथी सिर्फ अपने वर्ग में या तो ऊपर, नीचे या दाएँ, बाएँ चलता है। रानी के बाद हाथी ही इस खेल में सबसे ताकतवर होता है। प्रत्येक खिलाड़ी इसे बचाने की कोशिश करता है।
  6. प्यादा- शतरंज गेम में प्रत्येक खिलाड़ी के पास प्यादो की संख्या 8 होती है। प्यादे अपने पहले कदम में 2 वर्ग आगे चल सकते है। इसके बाद यह सिर्फ एक ही वर्ग आगे चल सकते है। प्यादा कभी भी पीछे नहीं चलता है। इस कारण इन्हें बहुत ही बुद्धिमानी से चलना पड़ता है।

शतरंज खेलने के बुनियादी नियम क्या हैं?

जानना चाहते हैं कि शुरुआत में शतरंज कैसे खेलें? नियम कैसे काम करते हैं, इसकी बुनियादी जानकारी यहां दी गई है। शतरंज में प्रत्येक खिलाड़ी बारी-बारी से एक चाल चलता है। हर मूव पर खिलाड़ी को अपनी किसी न किसी मोहर को अवश्य हिलाना होगा।

प्रत्येक शतरंज का मोहरा एक विशिष्ट तरीके से चलता है, और उसे उसकी चाल के अनुसार ही चलना चाहिए। यदि कोई मोहरा प्रतिद्वंद्वी के मोहरे वाली जगह पर गिरता है, तो उस मोहरे को पकड़ लिया जाता है और बोर्ड से हटा दिया जाता है।

टुकड़ों को एक ही रंग के टुकड़े के समान वर्ग पर नहीं रखा जा सकता। जब कोई मोहरा प्रतिद्वंद्वी के मोहरे पर कब्जा कर लेता है, तो उसे अपनी वर्तमान चाल पूरी करनी होगी और खिलाड़ी की बारी समाप्त करनी होगी।

चेक और चेकमेट क्या है?

जब कोई मोहरा इस तरह से आगे बढ़ता है कि खिलाड़ी अपने अगले मोड़ पर प्रतिद्वंद्वी के राजा को पकड़ सके, तो हमलावर खिलाड़ी आम तौर पर “चेक” की घोषणा करता है।

चेक में रखे गए खिलाड़ी को अपने राजा को स्थानांतरित करना होगा या अपने अगले मोड़ पर हमले को रोकने के लिए किसी अन्य टुकड़े को स्थानांतरित करना होगा, या तो चाल को अवरुद्ध करके या हमलावर टुकड़े को पकड़कर।

यदि कोई खिलाड़ी ऐसी स्थिति बनाता है जहां उनका प्रतिद्वंद्वी अपने राजा को अगले मोड़ पर कब्जा करने से नहीं रोक सकता है, तो हमलावर खिलाड़ी “चेकमेट” की घोषणा करता है और तुरंत गेम जीत जाता है।

राजा को कभी नहीं पकड़ा जाता है। शतरंज का खेल तभी जीता जाता है जब एक सक्सेस चेकमेट की घोषणा की जाती है। एक खिलाड़ी अपने प्रतिद्वंद्वी को जीत दिलाने के लिए रिजाइन देने का विकल्प भी चुन सकता है।

मैच एक ड्रा में भी समाप्त हो सकता है। उदाहरण के लिए सामने वाले खिलाड़ी के पास कोई लीगल मूव न हो, या यदि कोई खिलाड़ी उपलब्ध लीगर मूव का उपयोग करके जीत नहीं सकता है, तो ऐसी स्थिति को “डेड पोजीशन” के रूप में जाना जाता है।

डेड पोजीशन का एक उदाहरण तब होता है जब दोनों खिलाड़ी अपने राजा के साथ बोर्ड पर एकमात्र शेष मोहरे के रूप में रह जाते हैं। तो इस तरह से चेस खेलने के नियम काफी लोकप्रिय है।

निष्कर्ष

तो इस प्रकार हमने जाना की Chess की शुरुआत कैसे हुई और यह कैसे पूरी दुनिया में प्रसिद्ध हो गया। आज के इस आर्टिक्ल में हमने शतरंज के बारे में विस्तार से जाना (Today all about Chess in Hindi). तथा साथ में यह भी जानने की कोशिश की कि शतरंज का गेम कैसे खेला जाता है? (How to play Chess in Hindi)।

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