डायनासोर का जन्म कैसे हुआ (Dinosaur ka janam kaise hua)?

डायनासोर का जन्म कैसे हुआ (Dinosaur ka janam kaise hua)

डायनासोर का जन्म कैसे हुआ (Dinosaur ka janam kaise hua)- डायनासोर एक सरीसृप जीव था। यह आकार में बहुत बड़े और खतरनाक हुआ करते थे। इनमें से कुछ तो 80 फीट तक लंबे और 40 फीट तक ऊँचे थे। इन डायनासोरों में सबसे खतरनाक डायनासोर T-Rex था, जो एक मांसाहारी जीव और खतरनाक शिकारी था।

डायनासोर धरती पर पहली बार 20 करोड़ वर्ष पहले दिखाई दिए थे। इन्होंने लगभग 135 मिलियन वर्षों (13.5 करोड़ वर्षों) तक पृथ्वी पर राज किया। इनका अंत आज से 65.5 मिलियन वर्ष पहले एक खतरनाक घटना से हुआ, इस घटना ने एवियन डायनासोर को छोड़कर सभी डायनासोरों का सफाया कर दिया था।

वैज्ञानिक पूरी तरह से इस बात पर सहमत नहीं हैं कि उस समय क्या हुआ था? लेकिन डायनासोरों के विलुप्त होने की संभावना एक डबल या ट्रिपल व्हैमी है। यानी अलग-अलग वैज्ञानिकों में इसके अलग-अलग मतभेद है। इनमें सबसे पहला और प्रभावशाली मत क्षुद्रग्रह का धरती से टकराना, दूसरा ज्वालामुखियों के फटने से रसायन का वितरण और तीसरा जलवायु परिवर्तन होना है।

जीवाश्मों से पता चलता है कि आज धरती पर पाए जाने वाली पक्षी थेरोपोड डायनासोरों से विकसित हुए थे। यह उस समय धरती पर हुई तबाही से बचने वाला एकमात्र डायनासोर वंश था। इसलिए डायनासोर को एवियन डायनासोर या पक्षियों में विभाजित किया गया। पक्षियों के अलावा विलुप्त सभी डायनासोर गैर-एवियन डायनासोर हैं।

तो आइए जानते हैं की इस धरती पर डायनासोर का जन्म कैसे हुआ (Dinosaur ka janam kaise hua) था?

जमीन पर जीवन की शुरुआत

डायनासोर का जन्म कैसे हुआ (Dinosaur ka janam kaise hua)– पृथ्वी पर पानी में जीवन की शुरुआत आज से 3.5 अरब वर्ष पहले शुरू हो गई थी। लेकिन जमीन पर जीवन की शुरुआत होने में बहुत समय लगा। हालाँकि जमीन पर जीवन की शुरुआत, पानी में रहने वाले जीवों से ही हुई थी। इसे समझने के लिए हमें समय में पीछे जाना होगा।

आज से 37.5 करोड़ वर्ष पहले पानी में एक नई प्रजाति का जन्म हुआ। यह एक Strange Fish (मछली की एक प्रजाति) थी, इस मछली का नाम ‘Tiktaalik’ था। यह समय के साथ पानी में विकसित होती गई। इस विकासक्रम के दौरान इस मछली के मजबूत पैर विकसित हुए।

Tiktaalik ने सबसे पहले अपनी गर्दन के सहारे जमीन पर आना सीखा। इसके पैर काफी मजबूत और चलने योग्य थे, जिसने इसे जमीन पर आने में मदद की। जमीन पर जीवन की शुरुआत का यह सबसे महत्वपूर्ण पल था।

इसने अपने 1.5 करोड़ वर्षों के विकासक्रम के बाद अपने शरीर के अंग और मजबूत किए, जिससे यह अब जमीन पर ज्यादा वक्त बिताने लगा। जिससे जमीन पर जीवन धीरे-धीरे फैलने लगा। जमीन पर रहने वाले यह जीव आज से 36 करोड़ साल पहले Tiktaalik से Tetrapods में विकसित हुए और इन्होने जमीन को अपना घर बनाया।

Tetrapods चार पैरों वाले जानवर थे। जो आगे जाकर डायनासोर, पक्षियों, स्तनधारियों और इन्सानों में परिवर्तित हुए। उस समय धरती पर विशालकाय पेड़-पौधे हुआ करते थे, जो आकार में 100 फीट तक ऊंचे थे।

वक्त के साथ यह पेड़-पौधे धरती के हर क्षेत्र में विकसित होने लगे। जिससे धरती पर विशाल जंगल बनने लगे, इन जंगलों से भारी मात्रा में ऑक्सिजन उत्पन्न होने लगी। ऑक्सिजन की प्रचूर मात्रा से पृथ्वी का वातावरण आज के जैसा हो गया था।

समय के साथ धरती पर एक जीव ड्रैगनफ्लाई विकसित हुआ। इसका नाम Mega Nuro है, यह उस समय एक कीड़े से विकसित हुआ था। आकार में यह वर्तमान समय में पाए जाने वाले बाज जितना बड़ा था। इसने अपने पैरों को पंखों के रूप में परिवर्तित किया और यह कई लाख सालों के विकासक्रम के बाद हवा में उड़ने लगा।

वक्त के साथ यह जीव जमीन पर अंडे देने लगे, इस घटना से धरती पर स्तनधारी जीवों का जन्म हुआ। उस समय पृथ्वी का ऑक्सिजन स्तर बहुत ऊंचा था, इस कारण जीवों का आकार काफी बड़ा होने लगा। धीरे-धीरे जमीन पर छोटे से लेकर बड़े जीवों की असंख्य प्रजातियाँ विकसित होने लगी।

पृथ्वी का बूरा वक्त

डायनासोर का जन्म कैसे हुआ (Dinosaur ka janam kaise hua)– लेकिन आज से तकरीबन 30 करोड़ वर्ष पहले धरती का बुरा वक्त शुरू होने लगा। धरती के वायुमंडल में अन्तरिक्ष से चट्टानों की बरसात होने लगी। जिससे धरती की कोर गर्म हो गई, इस गर्मी के कारण पेड़-पौधे पूरी तरह से नष्ट हो गए। वायुमंडल में CO2 की मात्रा बढ़ने लगी।

अब धरती पूरी तरह वीरान हो चुकी थी, जमीन पर जीवन न के बराबर था। आज से 25 करोड़ वर्ष पहले इस धरती की एक वीरान जगह Siberia में बड़े जीव विकसित हुए। इनमें से एक Scooter Saur जो दिखने में आज के कछुए जैसा था। लेकिन यह आकार में काफी बड़ा था।

इतिहास में विकासक्रम का यह सबसे अनोखा समय था, क्योंकि इस समय में छोटी-छोटी छिपकलियों से बड़े-बड़े स्तनधारियों का जन्म हुआ। इसी समय के दौरान एक मांसाहारी जीव Gorgonopsids का उद्भव हुआ। यह दिखने में दुनिया की सबसे बड़ी छिपकली कमोडो ड्रैगन जैसा था, परंतु इसका आकार विशालकाय था।

यह प्रागैतिहासिक काल की सबसे खतरनाक “मांसभक्षी” थी। इसके बड़े-बड़े और जहरीले दाँत थे, इस कारण यह अपने शिकार को सबसे पहले काटता था। फिर उसका पीछा कर उसके मरने का इंतज़ार करता था।

परंतु इस समय के दौरान फिर से पृथ्वी का बूरा वक्त शुरू हुआ। Siberia में मौजूद प्रत्येक ज्वालामुखी में विस्फोट होने के कारण पूरा भू-भाग आग के गोले में तब्दील हो गया। चारों तरफ लावे की नदियां बहने लगी, आसमान से गर्म चट्टानों की बरसात होने लगी। जमीन का तापमान अचानक से बढ़ने लगा।

इस घटना को Permian Extinction के नाम से जाना जाता है। धरती पर जीवों के विनाश का ऐसा तांडव कभी नहीं हुआ था। इस घटना ने पृथ्वी पर मौजूद 70% समुद्री और 96% स्थलीय जीवों का सफाया कर दिया था। इस घटना को “Great Dying” और Permian–Triassic Extinction के नाम से भी जाना जाता है।

लेकिन पृथ्वी के दूसरे हिस्से गोंडवाना में स्थिति सामान्य थी, वहाँ जीवन पहले की तरह फल-फूल रहा था। यहाँ बर्फ के कणों की बरसात हो रही थी, लेकिन तापमान आश्चर्यजनक रूप से 70 डिग्री सेल्सियस था। Siberia में हुए विस्फोटों से धरती के वायुमंडल में सल्फर डाई ऑक्साइड की मात्रा बढ़ने लगी।

जिसके परिणामस्वरूप SO2 हवा के साथ क्रिया कर सल्फ्यूरिक अम्ल में बदलने लगा। इससे धरती पर सल्फ्यूरिक अम्ल की बारिश होने लगी, इस बारिश ने अपने रास्ते में आने वाले प्रत्येक जीव को खत्म कर दिया था। Siberia में हुए उस विनाश ने अब पूरी दुनिया में अपना तांडव दिखाना शुरू कर दिया था।

धीरे-धीरे जमीन पर जीवन खत्म होने लगा, परंतु समुद्र में जीवन अभी भी संघर्ष कर रहा था। समुद्र का पानी पूरी तरह गुलाबी हो चुका था। गुलाबी पानी की सतह से मिथेन गैस के बुलबुले बाहर की तरफ निकलने लगे। मिथेन कार्बन डाई ऑक्साइड से 20 गुणा ज्यादा विनाशकारी और खतरनाक है।

जमीन पर जो गिनती के जीव बच गए थे, वो अब प्राणघातक वातावरण का सामना कर रहे थे। इस घटना के बाद बचे हुए जीवों ने कुछ भी खाना शुरू कर दिया था। गर्मी से बचने के लिए इन जीवों ने जमीन में रहना शुरू कर दिया।

डायनासोर का जन्म कैसे हुआ (Dinosaur ka janam kaise hua)?

डायनासोर का जन्म कैसे हुआ (Dinosaur ka janam kaise hua)– आज से तकरीबन 20 करोड़ साल पहले पृथ्वी पर फिर से वातावरण सामान्य होने लगा। अब तापमान सामान्य था और अम्लीय वर्षा भी का प्रभाव भी निष्क्रिय हो चुका था। जिससे जमीन पर वनस्पतियाँ वापिस ऊगने लगी। समय के साथ यहाँ अनेक प्रकार के जीव विकसित हुए।

जिनमें आर्कोसॉर प्रमुख था, यह पक्षियों और मगरमच्छों के वंशज था। आर्कोसॉर एक सत्तारूढ़ सरीसृप (“Ruling Reptiles”) समूह का जीव था। Triassic युग के अंत में डायनासोर अपने पूर्वज आर्कोसॉर से विकसित हुए। डायनासोर, टेरोसोर (उड़ने वाले डायनासोर) और अन्य विलुप्त जानवर इसी से विकसित हुए थे। यानी डायनासोर का जन्म समय के साथ अपने पूर्वज आर्कोसोर से हुआ था।

शुरुआत में विकसित हुए डायनासोर 15 फीट लंबे थे। इनमें से एक Dilophosaurus प्रमुख था, यह आकार में छोटा लेकिन दिमाग और फूर्ती में बहुत तेज था। Dilophosaurus एक आकार में छोटा होने के बावजूद खतरनाक शिकारी था।

इस तरह दुनिया में डायनासोर का जन्म हुआ। लंबे विकासक्रम के बाद इनमें काफी बदलाव हुए, जिसने बड़े-बड़े डायनासोर विकसित किए। डायनासोर वाकई में बहुत सुंदर और खूंखार जीव थे। धीरे-धीरे पृथ्वी पर इन विशालकाय जीवों का दबदबा शुरू होने लगा।

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