मेडिटेशन कैसे करें हिंदी में (Meditation Kaise Kare)
मेडिटेशन (ध्यान) एक ऐसा चमत्कार है, जो हमें आंतरिक शांति प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। अगर आपको तनाव ने जकड़ लिया है। जिससे आपका मन चिंतित और तनवग्रस्त हो गया है, तो मेडिटेशन आपके लिए सबसे उपयुक्त अवस्था है। रोजाना 30 मिनट तक किया गया मेडिटेशन हमारे पूरे दिन को बेहतर बनाता है।
यह आंतरिक शांति प्रदान करने वाला एक ऐसा साधन है, जो हमारे अंदर ही मौजूद है। बस रोजाना इसके अभ्यास करने की आवश्यकता होती है। यह बहुत ही आसान है, जिसे कोई भी, कहीं भी, कभी भी कर सकता है। इसकी सबसे बढ़िया बात है कि इसके लिए आपको किसी उपकरण की आवश्यकता नहीं पड़ती है।
“दुनिया के अनसुलझे रहस्य जो बहुत ही रहस्यमई है”
इतिहास में पीछे की तरफ झाँककर देखें तो यह पता चलता है कि मेडिटेशन हजारों वर्षों से किया जा रहा है। यह जीवन की पवित्र और रहस्यमयी शक्तियों को गहराई से समझने में मदद करता है। जिस व्यक्ति को ध्यान करने की आदत लग जाए वो फिर हमेशा मुस्कुराता और शांत रहता है।
हालांकि आज के समय में ध्यान शरीर को आराम देने और तनावमुक्त करने के लिए किया जाता है। परंतु कुछ व्यक्ति मेडिटेशन की सहायता से परमात्मिक शक्ति को समझने का प्रयत्न करते हैं। अगर सही तरीके से मेडिटेशन किया जाए तो हमें उस अलौकिक शक्ति की प्राप्ति होती है, जो करोड़ों में एक के पास होती है।
तो अब सबसे बड़ा सवाल है कि ध्यान कैसे करें (Meditation kaise kare)? लेकिन इसके पहले हमें यह समझना होगा कि मेडिटेशन क्या है और इसके करने के क्या फायदे हैं? तो आइए हम शुरू करते हैं।
मेडिटेशन क्या है?
मेडिटेशन अपने दिमाग को एक जगह ध्यान केंद्रित और अपने विचारों को पुनर्निर्देशित करने के लिए प्रशिक्षित करने की एक आदतन प्रक्रिया है। ध्यान की लोकप्रियता बढ़ रही है क्योंकि अधिक से अधिक लोग इसके अभ्यास से स्वस्थ होने की कोशिश कर रहे हैं।
ध्यान एक ऐसी अवस्था है, जिसमें अलग-अलग प्रकार के अभ्यास शामिल है। मेडिटेशन में एक वस्तु पर ध्यान लगाया जाता है। जैसे किसी बंद कमरे में जलती हुई दीपक की लौ पर ध्यान केन्द्रित करना। हालाँकि यह पूर्णतया गलत है, जिसमें हम सिर्फ एक ही वस्तु के बारे में सोचे।
आम भाषा में समझें तो ध्यान का उद्देश्य हमारे दिमाग में चल रह फालतू विचारों को बंद करना है। इसके लिए हम केवल एक वस्तु पर ध्यान लगाते हैं, ताकि हमारा दिमाग अन्य वस्तुओं के बारे में सोचना बंद कर दे। ध्यान लगाते समय हमारी पांचों इंद्रिया हमारे वश में होनी चाहिए।
यह मन की जटिलता से हृदय की सरलता तक की यात्रा है। इसमें हमारा हृदय कोमल होना चाहिए। द्वेष, अहंकार, क्रूरता ध्यान को भंग करती है। ध्यान लगाने से पहले मनुष्य का आध्यात्मिक होना बहुत जरूरी है। अगर आपके अंदर किसी प्रकार की भावना विकसित हो जाए तो ध्यान लगाना आसान हो जाता है।
हालांकि हम किसी छवि या विचार को आसानी से याद कर सकते हैं, लेकिन किसी भावना को याद करना मुश्किल है। ध्यान लगाने की यह पहली अवस्था है। क्या आपने कभी उस भोजन का स्वाद याद करने की कोशिश की है जो आपने कई साल पहले खाया था?
आपको वह जगह अच्छी तरह याद होगी जहाँ आपने खाना खाया था। आपको इसका परिवेश याद भी हो सकता है, लेकिन भोजन का वास्तविक स्वाद कभी भी पुनः प्राप्त नहीं किया जा सकता, क्यों? ऐसा इसलिए है क्योंकि भावना हमेशा वर्तमान में होती है। इसलिए हम ध्यान लगाते समय भावना को महसूस नहीं कर सकते।
ध्यान लगाते समय हमें जो अनुभूति प्राप्त होती है, वो हमेशा रहनी चाहिए। ऐसा नहीं होना चाहिए कि हमें आज जो शांति प्राप्त हो रही है, वो कल अशांति के रूप में बदल जाए। भावना से शुरू किया गया मेडिटेशन अंत में शून्यता का रूप ले लेना चाहिए।
क्योंकि भावना की भी अपनी सीमा होती है। भावना से हृदय वास्तव में कभी संतुष्ट नहीं होता। कभी न कभी तो भावना बोझ बन ही जाती है, चाहे वह आनंद की या खुशी की अनुभूति हो। भावनाओं को संभालना मुश्किल है। सच्चे ध्यान में हम पूर्ण शून्यता में प्रवेश करते हैं। वहाँ हमारा कोई अनुभव, विचार, काम, सोच, भावना नहीं होती है।
मेडिटेशन के फायदे
मेडिटेशन कैसे करें (Meditation Kaise Kare) में सबसे पहले हम इसके फ़ायदों के बारे में जानते हैं। आज के समय में इंसान मेडिटेशन की मदद से स्वस्थ होने की कोशिश कर रहा है। आप इसका उपयोग अपने और अपने परिवेश के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए कर सकते हैं। बहुत से लोग इसे तनाव कम करने और एकाग्रता विकसित करने का एक तरीका मानते हैं।
लोग अन्य लाभकारी आदतों और भावनाओं को विकसित करने के लिए भी अभ्यास का उपयोग करते हैं, जैसे सकारात्मक मनोदशा और दृष्टिकोण, आत्म-अनुशासन, स्वस्थ नींद आना और यहां तक कि दर्द सहनशीलता में वृद्धि आदि। यहाँ पर मेडिटेशन करने के बहुत से फायदे है, जो इस प्रकार से है-
तनाव कम करता है
मेडिटेशन करने का सबसे बड़ा कारण तनाव कम करना होता है। हाल ही में हुए शोधों से पता चलता है कि ध्यान लगाने वाला व्यक्ति दिन-प्रतिदिन तनाव से मुक्त होता जाता है। आम तौर पर मानसिक और शारीरिक तनाव के कारण स्ट्रैस हार्मोन कोर्टिसोल (cortisol) का स्तर बढ़ जाता है।
यह हार्मोन हमारे शरीर में कई हानिकारक प्रभाव पैदा करता है, जैसे साइटोकिन्स नामक inflammatory chemicals release करता है। यह केमिकल नींद को बाधित करता है, जिससे अवसाद और चिंता बढ़ती है। साथ ही रक्तचाप (ब्लड प्रैशर) को बढ़ाता है। इसके अलावा इससे थकान और धुंधली सोच जैसी बीमारियाँ भी शरीर में पनपने लगती है।
ध्यान लगाने की अलग-अलग प्रक्रियाएँ तनाव को कम करने में मदद कर सकती हैं। निरंतर मेडिटेशन करने से तनाव के लक्षण कम होते हैं, जिससे अनेक बीमारियों से छुटकारा मिलता है।
अवचेतन मन की ताकत बढ़ाता है
आपने दिमाग के दो हिस्सों के बारे में जरूर सुना होगा- चेतन मन और अवचेतन मन। चेतन मन वो होता है, जो हमें क्रिया करने का निर्देश देता है। जैसे सोचना, खाना-पीना, बैठना, चलना आदि। एक प्रकार से दिमाग के जिस हिस्से के बारे में हम जानते हैं, उसे चेतन मन कहते हैं।
लेकिन अवचेतन मन के बारे में समझना थोड़ा मुश्किल है। अवचेतन मन हमारे दिमाग का वो हिस्सा है, जो बहुत शक्तिशाली है। यह उन निर्देशों का पालन करता है, जो उसे लगातार एक क्रम में दिए जाते हैं। जैसे किसी वस्तु का लगातार अभ्यास करने से। अगर एक बार अवचेतन मन में यह निर्देश चले जाएँ तो फिर हमारा दिमाग वैसे ही काम करने लगता है।
चेतन मन, अवचेतम मन के ही इशारों पर काम करता है। जैसे हम पहले दिन तलवारबाजी सीख रहे हैं, तो हमें तलवार चलाने में काफी परेशानी होती है। क्योंकि इस समय हमारा अवचेतन मन इस काम के बारे में बिलकुल भी नहीं जानता है। जब तक उसके पास इस काम को करने के मजबूत निर्देश नहीं पहुंचेंगे, तब तक वो इस काम को नहीं करेगा।
लेकिन हम जब लगातार तलवार चलाने का अभ्यास करेंगे, तो वो निर्देश एक दिन अवचेतन मन तक जरूर पहुंचेगा। जिससे फिर वो हमारे चेतन मन को निर्देश देगा कि तुम इस काम को ऐसे करो। इस तरह से हमारा अवचेतन मन बहुत शक्तिशाली है, जो सिर्फ हमारे द्वारा दिए गए लगातार निर्देशों पर चलता है।
इसलिए हमेशा कहा जाता है कि किसी भी काम को ध्यान लगाकर और लगातार करो। लगातार किसी काम को करना ही अभ्यास कहलाता है। मेडिटेशन हमारे अवचेतन मन की शक्ति को बढ़ाता है, मेडिटेशन करने से हमारे मन में अभ्यास करने की इच्छा प्रबल होती है।
आत्मविश्वास बढ़ाता है
ध्यान के कुछ रूप आपको अपने बारे में एक मजबूत समझ विकसित करने में मदद करते हैं, जिससे आपको अपने सर्वश्रेष्ठ व्यक्तित्व में विकसित होने में मदद मिलती है। इसकी मदद से आपका आत्मविश्वास सातवें आसमान पर होगा।
मेडिटेशन करते समय हम एक वस्तु पर फोकस करना सीखते हैं। इसलिए जब भी हम किसी काम को करते हैं, तो हमारी फोकस करने की आदत हमें उस काम को अच्छे से करने की सलाह देती है। फोकस करके किया हुआ काम हमारे ज्ञान को बढ़ाता है, और ज्ञान ही आत्मविश्वास का सबसे फैक्टर है।
अगर हमें किसी वस्तु के बारे में अच्छे से ज्ञान है तो हमारे लिए उसको समझना बहुत आसान है। इसलिए उस वस्तु के मामले में हमारा आत्मविश्वास सबसे प्रबल होगा। इस तरह से ध्यान हमारे आत्मविश्वास को बढ़ाता है, जो मनुष्य जीवन के लिए बहुत जरूरी है।
इसके अलावा भी मेडिटेशन के बहुत से फायदे है, जो हमारे लिए बहुत जरूरी है। मेडिटेशन करने वाला व्यक्ति दुनिया में सबसे अलग दिखाई पड़ता है। बस इसके करने के अलग-अलग तरीके हैं।
- ब्लड प्रैशर को नियंत्रित करता है।
- चिंताओं के बोझ को कम करता है।
- अनिद्रा जैसी बीमारियों से छुटकारा पाने में सहायता करता है।
- अनेक प्रकार के दर्द को कम करता है, जैसे- सिरदर्द, अल्सर, जोड़ों की समस्याएँ आदि।
- हमारे व्यवहार और मूड को अच्छा बनाता है।
- हृदय में दयालुता को बढ़ावा देता है।
- किसी भी काम को करने की इच्छा और ऊर्जा को बढ़ाता है।
- रचनात्मकता और खुशी बढ़ती है।
- मन आध्यात्मिक बनता है, जिससे शरीर में दैवीय शक्तियों का संचार बढ़ता है।
- किसी भी काम को करने की इच्छा बढ़ती है, और उसमें निपुणता हासिल होती है।
आगे इस लेख में हम मेडिटेशन कैसे करें (Meditation Kaise Kare) के बारे में पढ़ेंगे।
मेडिटेशन कैसे करें (Meditation Kaise Kare)?
कुछ लोग सोचते हैं कि ध्यान लगाना सिम्पल और हार्ड दोनों हो सकता है। अब आप यह सोच रहे होंगे की मेडिटेशन कैसे करें (Meditation kaise kare)? लेकिन आप हमारे द्वारा बताए गए स्टेप्स की मदद से इसे एक आरामदायक तरीके से कर सकते हैं।
शांत जगह का चयन करें
ध्यान लगाने से पहले आपको एक शांत और स्वच्छ जगह का चयन करना है। इस बात का खासकर ध्यान रखें कि आपके आस-पास कोई शोर शराबा न हो। साथ ही यह ऐसा समय होना चाहिए, जब आपके मन में ध्यान लगाने की इच्छा हो। वैसे शुरुआत में ध्यान लगाने के लिए हमारा दिमाग राजी नहीं होता है, लेकिन समय के साथ इसको भी ध्यान लगाने की आदत पद जाती है।
एक टाइम लिमिट सेट करें
यदि आप आज ही इसकी शुरुआत कर रहे हैं तो आप 5 या 10 मिनट का एक टाइमर लगा लीजिए। इससे ज्यादा वक्त तक आप पहले दिन इसका अभ्यास करने से जल्दी बोर हो जाएंगे। इसलिए आप हमेशा याद रखें कि आपको शुरुआत में कम समय तक ध्यान लगाना है। लेकिन बाद में धीरे-धीरे आप इसे बढ़ा भी सकते हैं।
आराम से बैठिए
टाइम लिमिट सेट करने के बाद आपको नीचे जमीन से 2 फीट की ऊंचाई पर आसन्न लगाकर बैठना है। आपके बैठने की स्थिति ऐसी होनी चाहिए, जिसमें आप कुछ समय के लिए आराम से बैठ सकें। अगर आपके बैठने का तरीका गलत हुआ तो आपका बीच में ही ध्यान भंग हो जाएगा।
अपनी साँसों को महसूस करें
जब आप आराम से बैठ जाएँ तो आपके दोनों हाथ आपके घुटनों पर होने चाहिए। इसके बाद आप अपनी आँखें बंद कर अपनी साँसों पर ध्यान लगाइए। सांस पर ध्यान लगाते समय आप साँसों के अंदर जाने और बाहर आने की क्रिया को महसूस कीजिए। इस तरह से आप अपनी साँसों की रफ्तार में खो रहे हैं।
बीच में भटकते मन को एकाग्र करें
एक समय ऐसा आएगा जब आप अपनी एकाग्रता खोने लगेंगे। ऐसा शुरुआत में हर किसी के साथ होता है, लेकिन आपको इससे घबराना नहीं है। आपको अपने मन पर काबू कर दोबारा से अपनी साँसों की रफ्तार पर लौटना है और उस पर अपना ध्यान केन्द्रित करना है। हालांकि ऐसा करने में आपको कुछ समय लग सकता है। बस मेडिटेशन का यह पार्ट ही सबसे मुश्किल माना जाता है। अगर आपने इस स्थिति से निकलना सीख लिया तो आप थोड़े ही वक्त में इसमें एक्सर्ट बन जाएंगे।
अपने मन को दयालु बनाएँ
जब आपका मन कहीं भटकने लग जाए तो आप उसे प्यार से समझाएँ। ऐसा सुनने में थोड़ा मज़ाकिया लगता है, लेकिन यह सबसे कारगर तरीका माना जाता है। इसके बाद आप खुद में खोने लग जाएंगे। धीरे-धीरे आपका मन शांत हो जाएगा, आप बिलकुल भी सोचना बंद कर देंगे।
अपने आप में खो जाएँ
जब हमारे मन एकदम सोचना बंद कर देगा, तो हम अपने आप में खो जाएंगे। हमें एक अलग ही अलौकिक शक्ति का अहसास होगा। इस समय जो हमारे मन की दयालुता है उसे बाहर आने लग जाएगी। हम पूरी तरह से शांत हो जाएंगे। हमें सिर्फ और सिर्फ एक शांत वातावरण महसूस होगा।
धीरे-धीरे आंखे खोलें
जब आप इस स्टेज को पार कर जाएंगे तो आप अपने ध्यान की प्रक्रिया को पूरा कर लेंगे। इसके बाद आपको स्लोली-स्लोली आँखें खोलनी है। एक लंबी सांस लें और अपने आस-पास के वातावरण को महसूस करें। आपको एक अलग ही अनुभूति होगी, जिसमें सब कुछ बदला-बदला नजर आएगा।
अब पूरी तरह से शांत इंसान है, आपके मन में किसी प्रकार की कोई उलझन नहीं है। आप पहले से खुद को ज्यादा तरो-ताजा महसूस कर रहे हैं। फालतू के विचार आपके मन से गायब हो चुके हैं, मात्र 10 मिनट के बाद आप 8 घंटों की अच्छी नींद के बाद समय की तरह से महसूस करेंगे।
निष्कर्ष
तो दोस्तों आज का हमारा आर्टिक्ल मेडिटेशन कैसे करें (Meditation kaise kare)? आपको कैसा लगा, आप हमें कमेंट कर जरूर बताएं। अगर आपको मेडिटेशन कैसे करें (Meditation kaise kare)? आर्टिक्ल से संबधित किसी अन्य प्रकार की जानकारी चाहिए तो आप हमें हमारे सोश्ल मीडिया प्लैटफ़ार्म पर मैसेज कर सकते हैं।
दोस्तों मुझे भी पहले मेडिटेशन कैसे करें (Meditation kaise kare)? के बारे में जानने की बहुत इच्छा थी। क्योंकि मेरा दिमाग बिलकुल भी शांत नहीं रहता था। इस लेकिन फिर समय के साथ मैंने ध्यान की शक्ति के बारे में पढ़ा, आज मुझे इसका बहुत फायदा मिल रहा है।
पहले की तुलना में मैं अब ज्यादा शांत रहता हूँ, दिमाग पर कंट्रोल अब पहले से भी ज्यादा है। इस तरह से आप मेडिटेशन कैसे करें (Meditation kaise kare)? आर्टिक्ल की मदद से अपने मन को शांत कर सकते हैं। मुझे आशा है कि आप ध्यान लगाकर पहले से ज्यादा रिलैक्स महसूस करेंगे।
मैंने ध्यान आज ही शुरू किया है। मैं पहले अनुलोम विलोम लगातार 3 वर्षो से कर रहा हू।
देखता हु क्या लाभ मिलता है।
आप शुरुआत कीजिए, थोड़े दिन में आपको रिजल्ट भी देखने को मिल जाएगा।