Researchers ने एक सुपरमैसिव ब्लैक होल बाइनरी सिस्टम की खोज की है।
Researchers ने एक सुपरमैसिव ब्लैक होल बाइनरी सिस्टम की खोज की है।
यह अभी तक दो ज्ञात बाइनरी सिस्टम में से एक है।
यह अभी तक दो ज्ञात बाइनरी सिस्टम में से एक है।
ये दो ब्लैक होल जो एक-दूसरे की परिक्रमा कर रहे हैं, प्रत्येक का वजन 10 करोड़ सूर्य होने की संभावना है।
ये दो ब्लैक होल जो एक-दूसरे की परिक्रमा कर रहे हैं, प्रत्येक का वजन 10 करोड़ सूर्य होने की संभावना है।
ये दोनों ब्लैक होल एक विशाल जेट को शक्ति दे रहे हैं, जिसकी गति प्रकाश के नजदीक है।
ये दोनों ब्लैक होल एक विशाल जेट को शक्ति दे रहे हैं, जिसकी गति प्रकाश के नजदीक है।
यह सिस्टम इतना दूर है, कि आज दिखाई देने वाली लाइट 8.8 अरब साल पहले उत्सर्जित हुई थी।
यह सिस्टम इतना दूर है, कि आज दिखाई देने वाली लाइट 8.8 अरब साल पहले उत्सर्जित हुई थी।
इन दोनों के बीच केवल 200 AU और 2,000 AU की दूरी हैं, यहाँ एक AU पृथ्वी से सूर्य की दूरी है।
इन दोनों के बीच केवल 200 AU और 2,000 AU की दूरी हैं, यहाँ एक AU पृथ्वी से सूर्य की दूरी है।
इससे अनुमान लगाया जा सकता है, कि ये दोनों आने वाले समय में एक दूसरे में collide हो जाएंगे।
यह घटना गुरुत्वाकर्षण तरंगों के रूप में भारी मात्रा में ऊर्जा रिलीज करेगी।
यह घटना गुरुत्वाकर्षण तरंगों के रूप में भारी मात्रा में ऊर्जा रिलीज करेगी।
इस तरह के सिस्टम को खोजना उन प्रक्रियाओं को समझने के लिए भी महत्वपूर्ण है।
इस तरह के सिस्टम को खोजना उन प्रक्रियाओं को समझने के लिए भी महत्वपूर्ण है।
यानि कि आकाशगंगाओं का जन्म और अंत कैसे हुआ था।